क्राइम

जब वर्दी वाले वर्दी वालों से ही करने लगे धन उगाही तो कैसे बचेगी आम जनता..  ! एसपी कार्यालय में तैनात बाबुओं ने नहीं बख्शा पुलिसकर्मियों को भी

NEWS GURU (चंदौली) । जिले में हाल ही में आए पुलिस अधीक्षक आदित्य लांग्हे शुरू से ही चुनौतियों का सामना कर रहे है । जिले में आगमन के साथ ही इन्होंने सबसे पहले जीटी रोड को अतिक्रमण से मुक्त कराने के लिए कदम उठाया। इसके बाद वर्षों से थानों और कोतवालियों में जमे पुलिसकर्मियों को हटाया । पुलिस अधिक्षक ने भ्रष्टाचार पर प्रहार करते हुए 16 थानों ने तैनात 32 कारखासों की पुलिस लाइन ट्रेनिंग में भेज दिया । पुलिस अधीक्षक ने उम्मीद की होगी कि शायद विभाग में चीजे कुछ दुरुस्त हो जाए । अब उनके कार्यालय में एक- एक करके भ्रष्टाचार के नए मामले सामने आ रहे है । इन प्रकरणों के सामने आने के बाद अब सवाल ये उठने लगे है कि जब वर्दी वाले कार्य के एवज में अपने विभाग के लोगो से धन उगाही से बाज नहीं आ रहे है तो आम जनमानस का क्या हाल होगा …हालांकि पुलिस अधिक्षक की जीरो टॉलरेंस की नीति से विभाग में हड़कंप मच गया है ।

प्रकरण नंबर एक

चन्दौली पुलिस अधीक्षक कार्यालय में तैनात प्रधान लिपिक का यातायात विभाग में तैनात मुख्य आरक्षी से रुपए लेने का वीडियो सोशल मीडिया में पर वायरल हुआ । जिस पर पुलिस अधीक्षक ने कर्रवाई करते हुए मुख्य आरक्षी महेश शुक्ला (यातायात) व निरीक्षक विजय प्रताप सिंह (प्रधान लिपिक, पुलिस कार्यालय चन्दौली) को लोक सेवक के कर्तव्यो के प्रतिकूल एवं दुराचरण का आपराधिक कृत्य का आरोपी मानते क्षेत्राधिकारी की प्राथमिक जांच के आधार पर तत्काल प्रभाव से निलम्बित करते हुए इनके विरूद्ध मु.अ.सं. 179/24 धारा 7/8 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 थाना चन्दौली में पंजीकृत कर विवेचना शुरू कर दी।

प्रकरण संख्या दो

पुलिस अधीक्षक कार्यालय में तैनात बड़े बाबू और उनके मुंशी राकेश यादव पर मेडिकल अवकाश मंजूर करने और जीआरपी में नामित करने पर पुलिसकर्मियों से धन उगाही का मामला सामने आया है।  इस मामले की जांच सीओ लाइन रघुराज कर रहे है । इस मामले में सीओ ने सभी थानाध्यक्षों को निर्देश जारी किया है कि कोई भी पुलिसकर्मी अपना पक्ष रखना चाहत है तो वह पुलिस लाइन में आकर बयान दे सकता है । इस बाबत सीओ रघुराज ने बताया कि इस प्रकरण में जांच की जा रही है। 

फिलहाल पुलिस अधिक्षक आदित्य लांग्हे ने अपने एक्शन से बता दिया है कि भ्रष्टाचार के मामले में सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति को पूर्ण रूप से लागू करने के मूड में है।

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